कपिलवस्तु प्राचीन शाक्य राजघराने की राजधानी हुआ करती थी। इसी राज परिवार के शासक शुद्धोधन सिद्धार्थ के पिता थें। सिद्धार्थ ही आगे चल कर महात्मा बुद्ध कहलाये और उन्हें शाक्यमुनि के नाम से भी जाना जाता है। शाक्य क्षेत्र छठी शताब्दी (ईसा पूर्व) में सोलह महाजनपदों में से एक था। इस राज परिवार के राजकुमार गौतम ने 29 वर्ष की आयु में कपिलवस्तु से प्रस्थान किया और आत्मज्ञान की प्राप्ति के बाद यहाँ उनका दोबारा आगमन 12 वर्षों के बाद हुआ। आज कपिलवस्तु क्षेत्र में कई गाँव शामिल हैं, जिनमे पिपरहवा, गांवरिया और सालारगढ़ मुख्य हैं।
गोरखपुर हवाई अड्डा : 104 कि.मी, श्रावस्ती एयर स्ट्रिप : 146 कि.मी., कसिया एयर स्ट्रिप : 106 कि.मी., अमौसी एयरपोर्ट, लखनऊ: 310 कि.मी., लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट , बाबतपुर, वाराणसी: 330 कि.मी.
सिद्धार्थ नगर (नौगढ़) रेलवे स्टेशन : 20 किमी
यह एक अच्छे वाहन योग्य सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है : एसएच 1-ए
कपिलवस्तु, अलीगढ़वा 'भारत-नेपाल' सीमा से 97 किमी की दूरी पर गोरखपुर से उत्तर की ओर राज्य हाईवे 1-ए पर स्थित है। यह सिद्धार्थ नगर (नौगढ़) जिला मुख्यालय से 20 किमी की दूरी पर स्थित है जो कि कपिलवस्तु के लिए अंतिम रेलवे स्टेशन है।
पर्यटक कार्यालय, सिद्धार्थ नगर (20 किमी)
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, बर्दपुर (9 किमी)
बर्दपुर (9 किमी)
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, सिद्धार्थ नगर (05544) 222333, 222169, फैक्स : 220174
नौगढ़ बाजार - 20 किमी
हर वर्ष 3 दिनों का कपिलवस्तु महोत्सव आयोजित किया जाता है, जो 29 से 31 दिसंबर तक चलता है।